दोस्तों आपने CBI का नाम सूना होगा और उसका क्या काम होता है वोह जानते होंगे, लेकिन आपको पता है की CBI का फुल फॉर्म क्या है ? CBI की रचना कब हुई थी ? CBI की जाँच क्यों की जाती है? CBI जाँच के लिए कौन निर्णय लेता है? CBI का इतिहास क्या है? अगर आप यह सब नहीं जानते है तो चलिए में आपको इन सभी के बारे में एक - एक करके बताता हु।
CBI क्या है? (What is CBI ?)
CBI भारत की प्रमुख जाँच एजेन्सी है। यह आपराधिक और राष्ट्रिय सुरक्षा से जुड़े हुए अलग - अलग प्रकार के मामलों की जाँच करने के लिए लगायी जाती है।
CBI का पूरा नाम क्या है ?
दोस्तों CBI का पूरा नाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) है।
CBI का इतिहास ? CBI की रचना कब हुई थी ?
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की रचना भारत सरकार द्वारा सन.1941 में स्थापित विशेष पुलिस प्रतिष्ठान(SPE) से हुई है। उस समय विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का कार्य द्वितीय विश्व युद्व के दौरान भारतीय युद्व और आपूर्ति विभाग में लेन - देन में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलो की जाँच करना था। विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) का अधीक्षण युद्व विभाग के जिम्मे था।
1963 में इसका नाम विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) से बदल करकेंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)रख दिया गया। इसके संस्थापक निदेशक DP Kohli थे। उन्होंने 1963 से 1968 तक अपनी सेवाए दी थी।
सरकार में रक्षा से संबंधित गंभीर अपराधों , उच्च पदों पर भ्रष्टाचार , गंभीर धोखाधड़ी , गबन और सामाजिक अपराध , विशेषकर जमाखोरी , कला - बाजारी और मुनाफाखोरी जैसे मामलो की जाँच के लिए भारत सरकार ने CBI की स्थापना की थी।
CBI में दो शाखाए होती है। एक शाखा भ्रष्टाचार निरोधी (ऐंटी करप्शन) डिवीज़न और दूसरी स्पेशल क्राइम डिवीज़न।
CBI निदेशक की नियुक्ति एक कमिटी करती है। कमिटी में प्रधानमंत्री , विपक्ष नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या उनके सिफारिश किया गया सुप्रीम कोर्ट का कोई जज शामिल होते है।
CBI की जाँच से जुडी सुनवाई विशेष CBI अदलात में ही होती है। पहले सीबीआई सिर्फ घूसखोरी और भ्रष्टाचार की जाँच तक सिमित थी , लेकिन 1965 से हत्या , किडनैपिंग , आंतकवाद ,वित्तीय अपराध आदि की जाँच भी सीबीआई के दायरे में आ गई है।
CBI जाँच के लिए कौन निर्णय लेता है ?
सीबीआई इन तीन स्थितियो में कोई प्रकरण अपने हिस्से में ले सकती है। पहला है अगर राज्य सरकार खुद केंद्र से सिफारिश करे , दूसरा राज्य सरकार सहमति दे , तीसरा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सीबीआई जाँच का आदेश दे , लेकिन इन सबके लिए केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है।
CBI की जाँच क्यों की जाती है ?
सीबीआई सिर्फ उन अपराधों की जाँच करता है जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित है। सीबीआई को जाँच की अनुमति तभी दी जाती है , जब कुछ खास स्थितियां पैदा हो जाये और लंबे समय से स्थानीय पुलिस से कोई केस सॉल्व न हो या पुलिस की जाँच पर सवालिया निशान हो।
निष्कर्ष
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